Tuesday, March 9, 2021

Paradox

 पैराडाॅक्स


स्टुडेंट्स ने टीचर से पूछाः

पैराडाॅक्स का क्या अर्थ है?


टीचर ने कहाः

इसके लिये एक उदाहरण प्रस्तुत करता हूँ।


मान लो कि दो व्यक्ति मेरे पास आते हैं एक बिल्कुल साफ सुथरा और दूसरा बेहद गंदा होता है। मैं उन दोनों को मशविरा देता हूँ कि वे नहा कर साफ सुथरा हो जाएं।


अब तुम लोग बताओ कि उनमें से कौन नहाएगा?


स्टुडेंट्स ने कहाः जो गंदा है वो नहाएगा।


टीचर ने कहाः

नहीं, बल्कि साफ व्यक्ति ऐसा करेगा क्योंकि उसे नहाने की आदत है जबकि गंदे को सफाई का महत्व मालूम ही नहीं।


अब बताओ कौन नहाएगा?


स्टुडेंट्स ने कहाः साफ व्यक्ति।


टीचर ने कहाः

नहीं, बल्कि गंदा व्यक्ति नहाएगा क्योंकि उसे सफाई की जरूरत है। बस, अब बताओ कौन नहाएगा?


स्टुडेंट्स ने कहाः जो गंदा है वो नहाएगा।


टीचर ने कहाः

नहीं, बल्कि दोनों नहाएंगे क्योंकि साफ व्यक्ति को नहाने की आदत है जबकि गंदे को नहाने की जरूरत।

अब बताएं कौन नहाएगा?


स्टुडेंट्स ने कहाः दोनों नहाएंगे।


टीचर ने कहाः

नहीं कोई नहीं क्योंकि गंदे को नहाने की आदत नहीं जबकि साफ को नहाने की जरूरत नहीं। अब बताएं कौन नहाएगा?


स्टुडेंट्स ने हाः कोई नहीं।


स्टुडेंट्स ने फिर कहाः

आप हर बार अलग जवाब देते हैं और हर जवाब सही मालूम पड़ता है। हमें सही जवाब कैसे मालूम होगी?


टीचर ने कहाः

पैराडाॅक्स यही तो है। आजकल महत्वपूर्ण ये नहीं है कि वास्तविकता क्या है। महत्वपूर्ण ये है कि मीडिया किसी चीज को सही साबित करना चाहती है।


जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पहले डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमत पर आंसू बहाती थी आज वही मीडिया बढ़ती कीमत को राष्ट्रहित और राष्ट्रनिर्माण में सही साबित कर रही है।


अब पेट्रोल के शतक लगाने पर ना अमिताभ ट्वीट कर रहे ना अक्षय कुमार और ना ही सचिन। अब ना वो सलवारी चालीस रूपये लीटर पेट्रोल बेच रहे बल्कि सौ रूपये होने पर इसे राष्ट्रनिर्माण में सहयोग बता रहे हैं।


अब सरकार ने मीडिया के सहारे नैरेटिव सेट कर ही दिया है "डीजल पेट्रोल महंगा है तो क्या हुआ खर्च विकास कार्य में ही हो रहा है ना" राष्ट्र निर्माण में योगदान करें और खुश रहें। ख़ैर, जनता को तो आदत हो ही जाती है थोड़े दिनों में महंगाई सहने की...

 

 सवाल करने पर डर तो है ही कही आप भी देशविरोधी, राष्ट्रविरोधी, आतंकवादी और गद्दार ना हो जाए?











































Thursday, March 4, 2021

Kejriwal does not even know politics

 केजरीवाल को राजनीति भी नहीं आती

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Kejriwal does not even know politics


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Today, it was seen during the Corona vaccine that Kejriwal does not know politics at all.


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Tell, Arvind Kejriwal has taken over as the Chief Minister of Delhi for the third time but till now he has not come to do politics.




Where, our Prime Minister Modi ji, who does politics in everything and where Kejriwal, who does not have the responsibility to do politics.


Now take the case of corona vaccine


Prime Minister's Vaccine Program





◆ Already set the camera in AIIMS


◆ A nurse from Kerala (Election in Kerala)


A nurse from Puducherry (there is also election)


Perfect makeup to shine on face


Photo without mask (Photo more important than Corona Rescue)


Vaccine taken before the first citizen of the country i.e. President


Did not get corona vaccine given to her old mother



Now see Kejriwal's vaccine program

◆ No separate photographers, only photos by media

Photo by wearing a mask


Nurse called for Uttarakhand, Punjab


Na Uttar Pradesh or Goa Costumes


◆ no makeup


 Get the first vaccine given to your aged parents


Now you tell 

★ Does anyone get a corona vaccine without thinking about elections?


★ Does the photo come good with masks?

★ Must have makeup, right?

★ Corona rescue is more important or photo?

★ After all, who takes parents along with them for the vaccine as Chief Minister?


We only say that Kejriwal does not understand politics. It only knows how to fix electricity, water, education, health etc.

This is far behind Modi ji in politics, every speech of which is an election speech. He still keeps himself busy in BJP rallies to make his party strong; What is the government's way, Lord Shree Ram's faith is going on anyway.


आज कोरोना वैक्सीन के समय देखने को मिला कि केजरीवाल को राजनीति बिल्कुल नहीं आती

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बताओ, अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला हुआ है लेकिन अब तक राजनीति करना नहीं आया।


कहाँ, हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी जो हर चीज़ में राजनीति कर लेते हैं और कहाँ केजरीवाल, जिसे राजनीति करने का ईल्म नहीं।


अब कोरोना वैक्सीन का ही मामला ले लीजिए


प्रधानमंत्री जी का वैक्सीन कार्यक्रम


◆ पहले से AIIMS में कैमरा सेट

◆ खासतौर से असम के गमछा लिया गया (असम में चुनाव है)

◆ एक नर्स केरल की (केरल में चुनाव है)

◆ एक नर्स पुडुचेरी की (वहाँ भी चुनाव है)

◆ बढ़िया मेकअप ताकि चेहरे पर चमक रहे

◆ बिना मास्क का फ़ोटो (फ़ोटो कोरोना बचाव से ज़्यादा जरूरी)

◆ देश के प्रथम नागरिक यानि राष्ट्रपति जी से पहले वैक्सीन लिया

◆ अपनी वृद्ध माता जी को कोरोना वैक्सीन नहीं दिलवाया


अब केजरीवाल का वैक्सीन कार्यक्रम देखिए


◆ कोई अलग से फोटोग्राफर नहीं, केवल मीडिया द्वारा फ़ोटो

◆ मास्क पहनकर फ़ोटो 

◆ ना उत्तराखंड, पंजाब की नर्स बुलाई

◆ ना उत्तर प्रदेश या गोआ की वेशभूषा

◆ ना कोई मेकअप

◆ अपने वृद्ध माता-पिता को पहले वैक्सीन दिलवाई


अब आप ही बताइए


★ चुनावों के बारे में सोचे बिना ही कोई कोरोना वैक्सीन लगवाता है क्या?


★ मास्क के साथ फ़ोटो अच्छा आता है क्या?


★ मेकअप तो होना चाहिए ना?


★ कोरोना से बचाव ज़्यादा जरूरी है या फ़ोटो?


★ आखिर मुख्यमंत्री होकर माता-पिता को कौन वैक्सीन के लिए साथ लेकर जाता है?


हम तो कहते ही हैं कि केजरीवाल को राजनीति की समझ नहीं है। इसको तो बस बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि ठीक करना आता है।


ये तो राजनीति में मोदी जी से बहुत पीछे है जिनका हर भाषण ही चुनावी भाषण होता है। वो अब तक भाजपा की रैलियों में ही व्यस्त रहते हैं ताकि उनकी पार्टी मजबूत बने; सरकार का क्या है वो तो वैसे भी प्रभु श्रीराम भरोसे ही चल रही है।


Wednesday, March 3, 2021

Karnataka BJP Minister Ramesh Jarkiholi Quits On Moral Grounds Amid Clear investigation is needed

 Karnataka BJP Sr Minister Ramesh Jarkiholi Quits On  Moral Grounds Amid Clear investigation is needed," Ramesh Jarkiholi said

https://bit.ly/385TIbW








Karnataka Minister Ramesh Jarkiholi Quits On  Moral Grounds Amid Row Over Alleged Sex Tape "Allegations against me are far from the truth. Clear investigation is needed," Ramesh Jarkiholi said




Karnataka Minister Quits On "Moral Grounds" Amid Row Over Alleged Sex Tape

"Allegations against me are far from the truth. Clear investigation is needed," Ramesh Jarkiholi said














Tuesday, March 2, 2021

Gas

प्रधानमंत्री जी,

मौसम की तरह हर बार बदल जाते है,

अपनी ही कही बातों से पल में पलट जाते है।





 2014 में  ₹350 का मिलने वाला सिलेंडर लगभग ₹850 का हो गया.. 

.@ArvindKejriwal ने जो कहा वह हुआ👇




Sunday, February 28, 2021

Petrol Hike

 पेट्रोल हायतौबा Petrol Hike 



पेट्रोल डीजल पर जोक्स मीम मजाक उड़ाने वालों विचार कर लो


वॉट्सअप्प फेसबुक पर अर्थशास्त्र की डिग्री प्राप्त अर्थशास्त्रियों जरा पूरी दुनिया के पेट्रोल के भाव देख लो  👇🏻

https://ladakoo.blogspot.com/2021/02/petrol-hike.html


महँगे पेट्रोल वाले देश

हांगकांग 174 ₹/लीटर

नॉर्वे 143 ₹/लीटर

इजराइल 133 ₹/लीटर

स्वीडन 132 ₹/लीटर

फ्रांस 132 ₹/लीटर

इटली 132 ₹/लीटर

ब्रिटेन 123 ₹/लीटर

जर्मनी 119 ₹/लीटर

स्विट्ज़रलैंड 119 ₹/लीटर

सिंगापुर 116 ₹/लीटर

न्यूज़ीलैंड 113 ₹/लीटर

स्पेन 110 ₹/लीटर

लक्समबर्ग 105 ₹/लीटर

जापान 95 ₹/लीटर

भारत 95 ₹/लीटर

पेट्रोल डीजल पर जोक्स मीम मजाक उड़ाने वालों विचार कर लो

सस्ते पेट्रोल वाले देश

वेनेज़ुएला 1.45 ₹/लीटर

ईरान 4.50 ₹/लीटर 

अंगोला 18 ₹/लीटर

अल्जीरिया 25 ₹/लीटर

सूडान 28 ₹/लीटर

नाइजीरिया 31 ₹/लीटर

सऊदी अरब 37 ₹/लीटर

सीरिया 47 ₹/लीटर

इंडोनेशिया 47 ₹/लीटर

पाकिस्तान 51 ₹/लीटर


ईरान सऊदी अरब में पेट्रोल पानी की जैसे निकलता है इसलिए सस्ता है वहां पानी महंगा है।

सोर्स: गूगल

डेटा दिनांक:15 फरवरी 21


देश को वेनेज़ुएला, सीरिया, सूडान, नाइजीरिया etc जैसा कंगाल बनाना है या हांगकांग, स्वीडन, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर, स्पेन जैसा विकसित बनाना है मर्जी आपकी सोच विचार कर ले।


वेनेज़ुएला में पेट्रोल 1.45 रुपये प्रति लीटर है और कॉफ़ी का एक कप 31 लाख में मिलता है।भारत में पेट्रोल 100 रुपये और कॉफी 20 रुपये में मिलती है। अब देख लीजिए पेट्रोल सस्ता चाहिए या कॉफी फिर गीत मत गाना की कॉफी महंगी क्यों कर दी।


पेट्रोल डीजल पर जोक्स मीम मजाक उड़ाने वालों विचार कर लो

जितने भी सस्ता पेट्रोल डीजल देने वाले देश अधिकांशतः दिवालिया है केवल सऊदी अरब, कुवैत, ईरान जैसे देश को छोड़ कर। ये देश खुद पेट्रोल डीजल का प्रोडक्शन करते है और बहुत ही छोटे देश है इसलिये वहां सस्ता मिल रहा है।


पेट्रोल डीजल पर जोक्स मीम मजाक उड़ाने वालों विचार कर लो, देश को वेनेज़ुएला, सोमालिया, सूडान, सीरिया, नाइजीरिया की केटेगरी में देखना पसंद करोगे या हांगकांग, जर्मनी, जापान, फ्रांस जैसे विकसित बनाना चाहते है। फिर मत कहना पूरी दुनिया हमारे पर मीम जोक्स क्यों बना रही है।

बिना पेट्रोल पिये सुबह नही उठने वालों

सस्ता पेट्रोल चाहिए तो एक सरल उपाय -

पासपोर्ट वीजा बनवाओ। पाकिस्तान, सीरिया, सूडान जहाँ मर्जी वहाँ चले जाओ, आपको कोई नही रोकेगा।





आपका और मोदी जी का अर्थशास्त्र ज्ञान देखा। 

पता चला कि जहां पेट्रोल महँगा है उनमें सिर्फ भारत देश ही ऐसा है, जो विकासशील देश है, बाकी के सब देश विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं। पहले देश को विकसित देश की श्रेणी में तो ले आओ, उसके बाद पेट्रोल महँगा कर देना, तब तक तो जीने दो जनता को।  😜😜😜😜🤣🤣🤣🤣🤣🤣


ये जरूरी नहीं कि आपका

हर करीबी व्यक्ति, आपका 

शुभचिंतक ही हो,

उनमें से कुछ आपका शुभ

होता  देखकर, चिंतित  भी हो जाते हैं !

Wednesday, February 24, 2021

Nifty50 Scam 2021

 हद है राष्ट्रभक्ति की


इस सदी का सबसे बड़ा स्कैम (Nifty50 Scam 2021)


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने मंगलवार को अपने इंडेक्स मेंटेनेंस गाइडलाइंस के क्राइटेरिया और मेथडोलॉजी में बदलाव कर दिया है. जिसकी वजह से कई दिग्गज सरकारी कंपनियां Nifty50 से बाहर हो रही है.


गेल, बैंक ऑफ बड़ौदा, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और हिंदुस्तान जिंक जैसी सरकारी कंपनियां निफ्टी 50 इंडेक्स से बाहर होने वाले है. इन कंपनियों को रिप्लेस करने में अडाणी ग्रुप की अडाणी एंटरप्राइजेज, जुबिलिएंट फूड्स और एमआरएफ जैसी कंपनियां निफ्टी 50 में शामिल होंगी.


क्या है Nifty 50 ?


NIFTY 50 भारत का सबसे प्रमुख और मत्वपूर्ण Stock Index है. यह देश में सबसे ज्यादा Trend होता है. दुसरे नंबर पर BSE सेंसेक्स है.


आसान शब्दों में कहें तो NIFTY एक तरह एक स्टॉक इंडेक्स (Stock Index) है जो की 50 प्रमुख (Main) कंपनियों के स्टॉक को इंडेक्स करे हुए होता है. NIFTY में 50 से ज्यादा कंपनियो के स्टॉक लिस्ट नहीं किये जा सकते.

NIFTY में 12 अलग अलग सेक्टरों की 50 कंपनियां indexed है.


निफ्टी में जहां सिर्फ 50 कंपनियां लिस्टेड होती है वहीँ NSE में लगभग 6000 के आसपास Comapanies listed होती है. अब उन 6000 कंपनियों में से 50 सबसे बड़ी कंपनियों को निफ्टी में रखा जाता है जिससे बाजार की चाल का अनुमान लगाया जा सके.


सरकारी कम्पनियों को क्या नुकसान होगा ?


Nifty 50 से निकाले जाने की वजह से शेयर खरीदारों का विश्वास इन कम्पनियों से कम होगा और अडानी ग्रुप की कम्पनियों के शामिल होने से अडानी ग्रुप पर शेयर खरीदार ज्यादा विश्वास दोखाएँगे अर्थात अडानी ग्रुप के शेयर के दाम बढ़ जाएंगे और सरकारी कंपनियों के दाम गिर जाएंगे, शेयर के दाम बढ़ने की वजह से अडानी ग्रुप की सम्पत्ति में अधिक तेजी से वृद्धि होगी ।


यह घोटाला कई हजार करोड़ रुपयों का है ।


शेयर मार्केट विशेषज्ञ स्मृति पटेल के अनुसार ह घोटाला लगभग 14,46,64,00,00,00,000 (03 ट्रिलियन) रुपयों का है क्योंकि यही तकरीबन निफ्टी की टोटल वैल्यू है । इतना रुपया निवेशकों द्वारा सरकारी कम्पनियों से निकाल कर अडानी जैसी प्राईवेट कम्पनियों में लगाया जाएगा ।

संपन्न लोग छोटी दूरी कार वगैरह से तय करते हैं, जबकि गरीब और आम लोग पैसेंजर ट्रेनों से.! फिर क्या सोचकर इन ट्रेनों का किराया चौगुना किया गया है.?


प्रधानमंत्री को क्या दिक्कत है गरीबों से.?












निजीकरण का भंडारा

रेल्वे टिकट में सीनियर सिटीजन को 

50% राहत नहीं मिलेगी मोदी को बधाई

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छिंदवाड़ा-नागपुर बॉर्डर हुई सील, बिना कोरोना नेगेटिव रिपोट के किसी भी व्यक्ति को मध्यप्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं।

 छिंदवाड़ा-नागपुर बॉर्डर हुई सील, बिना कोरोना नेगेटिव रिपोट के किसी भी व्यक्ति को मध्यप्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं।