भारत के कुछ मूर्ख लोग किस कदर वैचारिक गुलाम और मोदी सरकार के बंधुआ हैं, इसका एक सीधा सा प्रमाण हे।
रिज़र्व बैंक कहता है कि बैंक में 1 करोड़ से ज़्यादा का फ्रॉड करने वाले का मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाए।
आपने आज तक किसी बैंक को ऐसे मामलों की जांच के लिए सीबीआई के पास जाते सुना है?
मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज कहता है कि अनिल अंबानी की कंपनियों पर 31 दिसंबर 2019 तक 43800 करोड़ का लोन बकाया है।
कभी सीबीआई जांच हुई? नहीं।
क्योंकि हम सब के सब मूर्ख, ग़ुलाम और बीजेपी IT सेल के इशारों पर नाचने वाले हैं।
आपको राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर बहस करने मे ओर टिप्पणी करने में मज़ा आता
लेकिन आपकी जेब से अरबो रुपया खाकर कंपनियां खुद को कंगाल घोषित कर रही हैं, इससे आपको कोई फर्क़ नहीं पड़ता।
क्योंकि आपने अपनी शिक्षा को भुला दिया है। आप पढ़-लिखकर भी बेवकूफियों में उलझे हैं।
आप मोदी सरकार से हिस्सेदारी कर हज़ारों करोड़ डकार लें और फिर डिफॉल्टर हो जाएं, भारत में कोई फर्क़ नहीं पड़ता।
नीरव मोदी और माल्या (10 हज़ार करोड़) को याद रखें। ये आपके सामने ही हुआ है। फिर भी आपको अक्ल नहीं आई।
अब इनसे 15 गुना ज्यादा बड़े डिफॉल्टर सामने आने वाले हैं।
अक्ल तो आपको तभी आएगी, जब 2021 में धड़ाधड़ बैंकों पर ताला लगेगा। कुछ डिफॉल्टर देश छोड़कर भागेंगे।
कई ऐसे भी हैं, जो 6 अंकों में लोन डकारकर चुपचाप बैठे हैं। खुद को डिफॉल्टर घोषित नहीं किया। सेटिंग कर ली।
पर आपको क्या फ़र्क़ पड़ता है?
आप कुछ मत बोलिए।
लेकिन यकीन जानिए। आज का यही मौन आपको बर्बाद करेगा।
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