- तुम्हारी बैंक में रखा पैसा मिनिमम बैलेंस और मैक्सिमम बैलेंस के नाम पर काट लिया जाता हैं।
- ₹65 में मिलने वाला पेट्रोल ₹95 में डलवाते हो वहां डकैती नहीं दिखती।
- ₹60 वाला डीजल ₹85 में डाला रहे हो।
- ₹370 में मिलने वाली रसोई गैस ₹890 में ला रहे हो।
- ₹70 में मिलने वाला सोयाबीन का तेल ₹130 किलो ला रहे हो।
- ₹52000 की एक्टिवा ₹78000 में ला रहे हो।
- ₹55000 की मोटरसाइकिल ₹75000 में ला रहे हो।
- ₹210 की सीमेंट की थैली ₹350 में ला रहे हो।
- ₹3600 रुपए वाला लोहे का सरिया ₹6000 में ला रहे हो।
- ₹1600 की बालू रेत की ट्राली ₹4000 में।
- ₹200 किलो में मिलने वाली चाय की पत्ती ₹350 किलो में ला रहे हो ।
- यही हाल कृषि में उपयोग होने वाले मोटर पंप पाइप का है, जो सुबह से लेकर शाम तक आपके जेब कटती हैं।
जो किसान तुम्हारे लिए, तुम्हारी फसल के लिए, तुम्हारी नस्ल के लिए लड़ रहा है वह तुम्हें डकैत दिख रहा है और जो कारपोरेट जगत के भले के लिए जिद पर अड़ा है, वह तुम्हें देशभक्त दिख रहा हैं। एक बात ध्यान रखना तुम तब तक ही देशभक्त हो जब तक मोदी भक्त हो किसी दिन तुम्हारे हक अधिकार मांग लेना तो देशद्रोही होते देर नहीं लगेगी। मांग के देख लेना एक बार पता चल जाएगा।
कभी कभी खुद के दिमाग से भी सोच लिया करो
- शपथ ग्रहण के पहले ही दिन काले धन के लिए कमेटी बनी। क्या काला धन आया?
- तुम्हारा गेहूं चावल संतरा पानी के भाव बिक रहा हैं।
- दूध ₹25 लीटर बिसलेरी के पानी की कीमत के बराबर।
- पशु आहार खामगांव की थैली जो 12 सौ रुपए में मिलती थी वह ₹2300 में एक की थैली। ₹1000 ज्यादा दे रहे हो छोटे से छोटा किसान साल भर में 12 पशु आहार खिलाता है यानी साल भर में कम से कम 12000 तो पशु आहार पर ही दे देते हो।
बाकी सुबह से शाम तक जीएसटी हजारों रुपए आपसे लूटने के बाद आपको दो हज़ार की तीन किस्त किसान सम्मान निधि में डालकर आपको अंधभक्त बनाया जाता हैं।
- कितने लोगों को रोजगार दिया है, तुम्हारे गांव में, तुम्हारे मोहल्ले में एक बार नजर दौड़ा कर देखना।
- देशभक्त बनो व्यक्तिभक्त नहीं। कभी कभी खुद के दिमाग से भी सोच लिया करो।
- लोग फोन लगा लगा कर कह रहे हैं की आप को गुमराह किया जा रहा है और आंदोलन के लिए विदेश से फंडिंग आ रही हैं।
:- कभी अपना दिमाग भी लगाओ :-
- गुरुद्वारे में सालों साल से लंगर चल रहा हैं।
- कोविड-19 में उन्होंने लोगों को घर ले जा जाकर खिलाया।
ऐसे देश भक्तों पर तुम फंडिंग का आरोप लगाते हो?😞
इसलिए कि तुम्हें तुम्हारे दिमाग से सोचने नहीं नहीं दिया जाता।
- गुर्जर अपने हकों के लिए आंदोलन करें तो वे डकैत हो गये।
- यादव बोलें तो चारा चोर हो गये।
- जाट अपने हकों के लिए आंदोलन करें तो वे बलात्कारी हो गये।
- सिक्ख किसान अपने हकों के लिए आंदोलन करें तो वे खालिस्तानी हो गये।
- दलित अपनी बात बोलें तो वे भीमटे हो गये।
- किसान बोलें तो वो आँतकवादी हो गये।
- मुस्लिमों को तो जन्मजात गद्दार का सर्टिफिकेट दे ही रखा हैं।
तो फिर इस देश में राष्ट्रवादी है कौन???
टिकैत को डकैत कहने में आपने एक मिनिट की भी देर नहीं लगाई और डकैत को डकैत कहने में तुमने बहुत देरी कर दी।
कभी दिमाग से भी सोच लिया करो टिकैत तुम्हें डकैत दिखता है और जो लोग रोजाना तुम्हारी जेब काट रहे हैं उनको क्या बोलोगे?
जनता की ही मांग पर पैट्रोल डीजल के दाम भी लगातार बढ़ाये जा रहे हैं । लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। सरकार में किसानों की आमदनी दोगुनी, मजदूरों की चार गुनी और छोटे व्यापारियों की आमदनी में बेतहाशा वृद्धि होने के चलते लोग परेशान थे। लोग अपनी आमदनी संभाल नहीं पा रहे थे इसलिए उनकी जेब का बोझ हल्का करने को जनता की बेहद मांग पर #जेब हल्की _योजना शुरू की जा रही है। इससे लोग बोझ से मुक्त होंगे। इस योजना का विरोध करने वाले टुकडा-टुकडा गैंग और देशद्रोही कहलाये जाएंगे।